Thursday, November 17, 2016

काला धन किसे कहते हैं - इस के बारे में लोगों की अपनी अपनी अलग अलग सोच है!

1960 -1970 के दशकों में हिंदुस्तान में केंद्र सरकार ने बहुत अधिक टैक्स लगाया हुआ था जिससे आम लोग , विशेषकर उधमी व्यापारी वर्ग परेशान रहता था। कुछ मामलों में तो इनकम टैक्स 90 % तक था।  अर्थात , यदि आपने 100 रूपये कमाए तो उस समय की केंद्र सरकार आपसे 90 रूपये इनकम टैक्स के रूप में वसूल कर लेती थी। आज यदि भाजपा सरकार आपको अपनी आय का 90 % धन इनकम टैक्स के रूप में अदा करने को कहे तो आप भड़क कर भाजपा को समर्थन देना तुरंत बंद कर देंगे और इनकम टैक्स नहीं भरेंगें।
1960 -1970 के दशकों में त्रस्त उधमी व्यापारी वर्ग 90 % इनकम टैक्स न भर कर उसे केंद्र सरकार से छिपा कर रखता था। तत्कालीन केंद्र सरकार छापे डाल कर उस छुपाये गए 90 % धन को वसूलने की कोशिश में लगी रहती थी और उस 90 % छुपाये धन को काला धन कहती थी।
अर्थात जिसे तत्कालीन सरकार काला धन मानती थी उसे तत्कालीन मेहनतकश आम लोग और उधमी व्यापारी वर्ग अपने खून पसीने की गाढ़ी सफेद कमाई मानता था। अर्थात मुख्य सवाल यह था - बादशाह को जनता से कितना टैक्स वसूलना चाहिए , जनता कितने टैक्स को सही जायज़ मानती है और कितना टैक्स बादशाह को देने के लिए तैयार है। आज भी वर्ष 2016 में वही पुराना सवाल हवा में तैर रहा है -  बादशाह को जनता से कितना टैक्स वसूलना चाहिए , जनता कितने टैक्स को सही जायज़ मानती है और कितना टैक्स बादशाह को देने के लिए तैयार है। इसलिये आज जब भाजपा सरकार तथाकथित काला धन निकालने की बात दोहराती है तो आज के नौजवानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिये कि करोडों मेहनतकश आम लोग और उधमी व्यापारी वर्ग अपने खून पसीने की गाढ़ी सफेद कमाई  में  से कितना धन इनकम टैक्स और अन्य प्रकार के टैक्स के रूप में देने को तैयार है या तैयार नहीं है।
अर्थात काला धन किसे कहते हैं - इस के बारे में लोगों की अपनी अपनी अलग अलग सोच है।
125 करोड़ आम जनता की तरह स्वामी मूर्खानंद जी मानते हैं कि औरों का खून चूस कर कमाया गया धन ही असल में काला धन है , रिश्वतख़ोरी से कमाया गया धन ही असल में काला धन है, सरकारी धन में से सरकारी अधिकारियों और नेताओं द्वारा चुराया गया धन ही असल में काला धन है.... !
जिस अपने खून पसीने की गाढ़ी सफेद कमाई के धन को करोडों मेहनतकश आम लोग और उधमी व्यापारी वर्ग ने बादशाह के द्वारा लगाए गये टैक्स की रकम से असहमत हो बादशाह से छुपा कर रखा है उस धन को स्वामी मूर्खानंद जी काला धन बिलकुल भी नहीं मानते हैं।
भाजपा केंद्र सरकार ने जो काला धन वसूलने की मुहीम चलाई हुई है , वह मुहीम गलत है या सही - इसके बारे में उस काला धन की स्वामी मूर्खानंद जी की इसी परिभाषा (DEFINITION) को आधार बनाया जाना चाहिये। साथ ही भाजपा की केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहिए कि भाजपा पार्टी अपने स्वयं के नेताओं के पास मौजूद अपार काले धन और अपनी स्वयं की पार्टी के ख़जाने में आये काले धन का भी पूरा विवरण DEATAILS हिंदुस्तान की 125 करोड़ जनता को तुरंत दे।
- स्वामी मूर्खानंद जी

-स्वामी मुर्खानंद जी

[ टिप्पणी: उक्त लेख स्वामी मुर्खानंद जी का अपना है। 'हमारा नोएडा' ब्लॉग-पत्रिका का स्वामी मुर्खानंद जी के उक्त लेख से सहमत होना आवश्यक नहीं है। 'हमारा नोएडा' ब्लॉग-पत्रिका उक्त लेख  के लिए उत्तरदायी नहीं है। ]

फोटो: Google के सौजन्य से

आपको कोई भी पुलिस वाला, इन्कम टैक्स अधिकारी या कोई अन्य सरकारी अधिकारी तलाशी या धन कहाँ से आया - यह जानने के बहाने परेशान नहीं कर सकता है!

आप 31 दिसंबर 2016 तक  जितनी रकम चाहें, लाखों करोडों ही क्यों न हो, उतनी अघोषित रकम लेकर बैंक में जमा करने जा सकते हैं। ऐसा करने से आपको कोई भी पुलिस वाला, इन्कम टैक्स अधिकारी या कोई अन्य सरकारी अधिकारी नहीं रोक सकता है। यदि कोई भी पुलिस वाला, इन्कम टैक्स अधिकारी या कोई अन्य सरकारी अधिकारी आपको रस्ते में रोक कर आपको तलाशी के बहाने या धन कहाँ से आया - यह जानने के बहाने परेशान करता है तो आप उस की शिकायत मुख्यमंत्री , प्रधानमंत्री , वित्तमंत्री , जिला कलेक्टर को तुरंत कर सकते हैं !

मोदी सरकार के हाल के पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को रदद् (ban) करने के नोटबंदी आदेश से बिलकुल न घबराएँ और न ही उस आदेश से घबराएँ जिसके तहत अब आप यदि अघोषित तथाकथित काला धन घोषित करते हैं तो मोदी सरकार उसमें से 90% काट कर केवल 10 % ही आपके बैंक खाते में जमा करेगी। आप तुरन्त शान से किसी भी बैंक में अपना अघोषित तथाकथित काला धन जमा करवाएँ। 

धन कहाँ से आया - यह बताने के लिए कोई भी पुलिस वाला, इन्कम टैक्स अधिकारी या कोई अन्य सरकारी अधिकारी आपको विवश नहीं कर सकता है।

आपको  सरकार ने यह सुविधा 31 दिसंबर 2016 तक दी हुई है।

कुछ लाखों करोडों की अघोषित रकम रखने वाले  लोग अपनी रकम गरीब रिक्शा वालों , टैक्सी ड्राईवर , ऑटो वालों , नौकरों, मन्दिरों - गुरुद्वारों  और अन्य जरूरतमन्दों को बाँट कर पुण्य कमा रहें हैं। मन्दिरों - गुरुद्वारों को सलाह है कि वे ऐसी रकमें स्वीकार कर उन्हें तुरन्त बैंकों में 90 % टैक्स /पेनल्टी दे कर भर दें और बची 10 % रकम को जन कल्याण हेतु प्रयोग करें।

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यदि फिर भी आपको कोई डर लगता है तो आप स्वामी अप्रतिमानंदा जी के नीचे दिए गए बैंक अकाउंट में अपनी अघोषित (undeclared) धनराशि जमा करने का सामाजिक सत्कार्य करें :

बैंक खाताधारक का नाम : Swaamee 

बैंक : Spiritual Bank of India

ACCOUNT NUMBER: Supreme Consciousness 

MICR CODE: Goddess 

IFSC CODE: Bhakti

PIN: Crown Chakra

आपके द्वारा जमा करवाई गई अघोषित धनराशि को क़ानूनी प्रकार से विधिवत स्वामी अप्रतिमानंदा जी समाज , राष्ट्र और मानवता के हित में उपयोग में लायेंगे। आपसे एक बार पुनः नम्र विनती है कि अपने अघोषित (UNDECLARED) तथाकथित बिना हिसाब के काले धन वाले पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को न जलायें और न ही गंगा में बहायें। साथ ही भारतीय सूचना माध्यमों से भी समाज , राष्ट्र और मानवता के हित में अति नम्र विनती है कि वे सब इस शुभ समाचार को बार बार तुरन्त अपने टेलीविज़न चैनलों पर दिखाएँ और समाचार पत्रों में प्रकाशित करें।

-स्वामी मुर्खानंद जी

[ टिप्पणी: उक्त व्यंग्यात्मक (HUMOUROUS) लेख स्वामी मुर्खानंद जी का अपना है। 'हमारा नोएडा' ब्लॉग-पत्रिका का स्वामी मुर्खानंद जी के उक्त व्यंग्यात्मक (HUMOUROUS) लेख से सहमत होना आवश्यक नहीं है। 'हमारा नोएडा' ब्लॉग-पत्रिका उक्त व्यंग्यात्मक (HUMOUROUS) लेख  के लिए उत्तरदायी नहीं है। ]

Monday, November 14, 2016

आप स्वामी अप्रतिमानंदा जी के बैंक अकाउंट में अपनी अघोषित (undeclared) धनराशि जमा करने का सामाजिक सत्कार्य करें!

आप अपने अघोषित (UNDECLARED) तथाकथित बिना हिसाब के तथाकथित (ALLEGEDLY) काले धन वाले पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को न जलायें और न ही गंगा में बहायें। इन्हें जलाने और पानी में बहाने से उतनी ही कीमत का सोना भी जल कर भस्म हो जाता है या पानी में नष्ट हो जाता है। अर्थात उतनी कीमत की क्रय शक्ति (PURCHASING POWER) अर्थव्यवस्था (ECONOMY) से बाहर हो जाती है।

काला धन किसे कहते हैं , इसके बारे में भी लोगों की और सरकार की अपनी अपनी अलग सोच है। कई बार जिसे सरकार काला धन (TECHNICAL CORRUPTION) मानती है उसे आम लोग जायज़ सफ़ेद धन मानते हैं। कई बार जिसे सरकार सफेद धन मानती है उसे आम लोग नाजायज़ काला धन मानते हैं। अतः आप अपने अघोषित (UNDECLARED) तथाकथित काले धन को सरकार के आगे बताने (DECLARE करने ) में इसे अपनी बेइज़्ज़ती बिलकुल भी न समझें।

मोदी सरकार के हाल के पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को रदद् (ban) करने के आदेश से बिलकुल न घबराएँ और न ही उस आदेश से घबराएँ जिसके तहत अब आप यदि अघोषित तथाकथित काला धन घोषित करते हैं तो मोदी सरकार उसमें से 90% काट कर केवल 10 % ही आपके बैंक खाते में जमा करेगी। आप तुरन्त शान से किसी भी बैंक में अपना अघोषित तथाकथित काला धन जमा करवाएँ। 

उदाहरण के तौर पर मान लो आप 100 लाख जमा कराते हैं तो उसमें से सरकार 90 लाख (200 % पेनल्टी) काट कर 10 लाख आपके बैंक खाते में डाल देगी। उसके बाद स्वामी अप्रतिमानंदा जी मोदी सरकार पर समाज के हित में दबाव डाल कर उस 90 लाख में से आपको 45 - 50 लाख वापिस दिलवाने का पूरा प्रयत्न करेंगे। यदि स्वामी अप्रतिमानंदा जी की बात मोदी सरकार नहीं मानती है तो स्वामी अप्रतिमानंदा जी 2019 में नई सरकार द्वारा आपको निश्चित रूप में उस 90 लाख में से 45 - 50 लाख वापिस दिलवाएंगे।

यदि फिर भी आपको कोई डर लगता है तो आप स्वामी अप्रतिमानंदा जी के नीचे दिए गए बैंक अकाउंट में अपनी अघोषित (undeclared) धनराशि जमा करने का सामाजिक सत्कार्य करें :

बैंक खाताधारक का नाम : Swaamee 

बैंक : Spiritual Bank of India 

ACCOUNT NUMBER: 000000000000 INR

MICR CODE: Goddess 

IFSC CODE: Bhakti

PIN: Crown Chakra

आपके द्वारा जमा करवाई गई अघोषित धनराशि को क़ानूनी प्रकार से विधिवत स्वामी अप्रतिमानंदा जी समाज , राष्ट्र और मानवता के हित में उपयोग में लायेंगे। आपसे एक बार पुनः नम्र विनती है कि अपने अघोषित (UNDECLARED) तथाकथित बिना हिसाब के काले धन वाले पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को न जलायें और न ही गंगा में बहायें। साथ ही भारतीय सूचना माध्यमों से भी समाज , राष्ट्र और मानवता के हित में अति नम्र विनती है कि वे सब इस शुभ समाचार को बार बार तुरन्त अपने टेलीविज़न चैनलों पर दिखाएँ और समाचार पत्रों में प्रकाशित करें। - स्वामी मुर्खानंद जी

[ टिप्पणी: उक्त व्यंग्यात्मक (HUMOUROUS) लेख स्वामी मुर्खानंद जी का अपना है। 'हमारा नोएडा' ब्लॉग-पत्रिका का स्वामी मुर्खानंद जी के उक्त व्यंग्यात्मक (HUMOUROUS) लेख से सहमत होना आवश्यक नहीं है। 'हमारा नोएडा' ब्लॉग-पत्रिका उक्त व्यंग्यात्मक (HUMOUROUS) लेख  के लिए उत्तरदायी नहीं है। ]



Sunday, November 13, 2016

देख एटीएम के आगे लाइन दिया कबीरा रोय , बोया पेड़ बबूल मोदी का एटीएम में कैश कहाँ ते होय ! - नोटबंदी पर कबीरवाणी



देख एटीएम के आगे किलोमीटर लंबी लाइन

दिया कबीरा रोय ,

बोया पेड़ बबूल मोदी का

एटीएम में कैश कहाँ ते होय !

काल ख़र्च करे सो आज कर

आज करे सो अब ,

रातों रात करेगा बैन मोदी दो हज़ार का नोट

बहुरि ख़र्च करेगा कब ?

बड़ा हुआ तो क्या हुआ

जैसे बन्द ५०० - १००० का नोट ,

ऱिश्वतखोर बाबू ले नहीं

मिले न ढाबे में चिकन तंदूरी रोट !

मोदी गोविन्द दोऊ खड़े

काके लागूँ पाँय ,

काके लागूँ पाँय

बलिहारी मोदी आपनो

कर सर्जीकल स्ट्राइक

कर ५००-१००० नोट बन्द

कर माया विमुक्त

बना कंगाल

दियो गोविन्द मिलाय !

-स्वामी मुर्खानंद जी